Wednesday 14 October 2015

बादशाहे दिल्ली के दरबार में एक बार, चार जन नौकरी की तलाश में पहुँचे. राजा ने चारो के परिचय पूछा- एक ने अपना नाम बतलाया- 'अरिमर्दन सिंह,' दूसरे ने - अरिदलमर्दन सिंह , तीसरा - अरिदलबधु मर्दन सिंह, और चौथा ! चौथे ने अपना नाम बतलाया - 'अरि-दल-बधु-कुचि-मर्दन-सिंह' . इधर बादशाहे- दिल्ली ने, कृषि मंत्रालय का नाम बढ़ाकर- कृषि एवं किसान - कल्याण मंत्रालय कर दिया है . अच्छी लगती है शब्दों की बुनी भव्यता- दिव्यता , अच्छा लगता है शब्दों का यह खेल . देखते रहिए आगे और क्या- क्या होता है ! पूर्वार्ध दूसरी किसी व्यंग्य रचना से हू-ब-हू लिया गया है .

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