बादशाहे दिल्ली के दरबार में एक बार,
चार जन नौकरी की तलाश में पहुँचे.
राजा ने चारो के परिचय पूछा-
एक ने अपना नाम बतलाया-
'अरिमर्दन सिंह,'
दूसरे ने - अरिदलमर्दन सिंह ,
तीसरा - अरिदलबधु मर्दन सिंह,
और चौथा !
चौथे ने अपना नाम बतलाया -
'अरि-दल-बधु-कुचि-मर्दन-सिंह' .
इधर बादशाहे- दिल्ली ने,
कृषि मंत्रालय का नाम बढ़ाकर-
कृषि एवं किसान - कल्याण मंत्रालय कर दिया है .
अच्छी लगती है शब्दों की बुनी भव्यता- दिव्यता ,
अच्छा लगता है शब्दों का यह खेल .
देखते रहिए आगे और क्या- क्या होता है !
पूर्वार्ध दूसरी किसी व्यंग्य रचना से हू-ब-हू लिया गया है .
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